केंद्र सरकार की पहल, लॉकडाउन में किसानों को फसल बेचने में नहीं होगी परेशानी

 


कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किसानों को मंडी जाकर अपनी फसल उत्पाद बेचने की मौजूदा व्यवस्था में राहत देने का फैसला किया है. फेसबुक पर जारी एक वीडियो स्टेटमेंट में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि अगले तीन महीने किसान अपनी फसल उत्पाद बेचने के लिए मंडियों तक लाने की जगह अपने-अपने गोदामों से सीधे बेच सकें, इसके लिए जरूरी पहल की जाए. किसान इसके लिए इनाम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए.


कृषि मंत्री ने आगे कहा, 'मंडियों तक जाने की अनिवार्यता इस दौरान नहीं होनी चाहिए. इस पहल से किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी.' तोमर ने कहा कि आज फसल कटाई का समय है. आने वाले समय में फसलों की बुआई भी होने वाली है. इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने फसलों की कटाई के लिए जरूरी उपकरणों की आवाजाही को लॉकडाउन के दौरान छूट दी है. बाजार में खाद-बीज की बिक्री की व्यवस्था भी बहाल की जा रही है.



कृषि मंत्री ने कहा, 'पिछले एक हफ्ते में पीएम किसान योजना के तहत 9826 करोड़ रुपये किसानों को 2020-2021 की पहली किश्त के तौर पर दी जा चुकी है.' बताते चलें कि 'पीएम गरीब कल्याण योजना' के तहत कई राज्यों को केंद्र की ओर से अतिरिक्त अनाज भिजवाया गया है. 24 मार्च से 4 अप्रैल तक पंजाब को अतिरिक्त 116 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 132 लाख मीट्रिक टन चावल भिजवाया गया है.


केंद्र की ओर से हरियाणा को 101 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल, उत्तराखंड को 8 लाख मीट्रिक टन चावल, आंध्र प्रदेश को 19 लाख मीट्रिक टन चावल, तेलंगाना को 65 लाख मीट्रिक टन चावल, मध्य प्रदेश को 41 लाख मीट्रिक टन गेहूं, छत्तीसगढ़ को 36 लाख मीट्रिक टन चावल और ओडिशा को 30 लाख मीट्रिक टन चावल भिजवाया जा चुका है. आगे भी राज्यों को अनाज भिजवाए जाने की कवायद जारी रहेगी.